संस्कृत एवं संस्कृति ही भारत की प्रतिष्ठा के मुख्य हेतु हैं- ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’। संस्कृत प्राचीन विद्याओं का अजस्र स्रोत है। संस्कृत ही वेद, व्याकरण, दर्शन, आयुर्वेद, ज्योतिष, वास्तु आदि विद्याओं का केन्द्र है। संस्कृत में अनेक विषय ऐसे हैं जिनके सम्बन्ध में शोधच्छात्र, ज्ञानपिपासु अथवा अन्य जिज्ञासु अन्वेषण करते रहते हैं। मैं विभिन्न विषयों पर अन्वेषण करके समीक्षापूर्वक शोधलेख प्रस्तुत कर रहा हूँ, जिसके अध्ययन से आपके ज्ञान में निश्चित वृद्धि होगी। धन्यवाद…

सदानन्दयोगीन्द्रविरचितो वेदान्तसारः :-: Vedantasarah written by Sadananda Yogindrah

अखण्डं   सच्चिदानन्दमवाङ्मनसगोचरम्। आत्मानमखिलाधारमाश्रयेऽभीष्टसिद्धये॥१॥ अर्थतोऽप्यद्वयानन्दानतीतद…

ज़्यादा पोस्ट लोड करें कोई परिणाम नहीं मिला